- Inauguration of Agricultural Advances Grants
- By -    JDU Media Cell
- 05/06/2018
फसल से पहले अनुदान: बिहार पहला राज्य
बिहार में जैविक खेती को बढ़ावा देने और सब्जी उत्पादन के मामले में राज्य को तीसरे से दूसरे स्थान पर लाने के लिए 5 मई 2018 को कृषि इनपुट अग्रिम अनुदान योजना की शुरुआत की गई। इसके साथ ही बिहार किसानों को फसल से पहले मदद देने वाला देश का पहला राज्य बन गया। इस योजना के तहत प्रथम चरण में चार जिलों – पटना, नालंदा, समस्तीपुर और वैशाली – के 20,173 किसानों के खाते में जैविक सब्जी के उत्पादन के लिए 6,000 रुपये उपलब्ध कराए गए। शनिवार को पटना स्थित सम्राट अशोक कन्वेंशन सेन्टर के बापू सभागार में आयोजित कृषि इनपुट अग्रिम अनुदान वितरण समारोह का उद्घाटन मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने किया। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी, कृषिमंत्री डॉ. प्रेम कुमार एवं इंडसइंड बैंक के कंट्री हेड रवि हरजाई सहित कई गणमान्य मौजूद थे।
मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने बटन दबाकर अग्रिम इनपुट अनुदान संबंधित सॉफ्टवेयर का परिचालन किया। इसके साथ ही 4 जिलों के 20,173 किसानों के मोबाईल में ई-कैश संबंधित मैसेज चला गया। माननीय मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पूर्णियाँ, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, समस्तीपुर, पटना, किशनगंज तथा छपरा के कृषि उत्पादन बाजार समिति के प्रांगण का निर्माण एवं जीर्णाद्धार कार्य तथा बिहार राज्य बीज निगम के शेरघाटी में नवनिर्मित भवन तथा अत्याधुनिक बीज प्रसंकरण का उद्घाटन एवं ‘जैविक खेती: एक झलक’ नामक पुस्तिका का विमोचन भी किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि तीसरे कृषि रोड मैप की योजना के अनुरूप बहुत तेजी से काम प्रारम्भ कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि कृषि रोड मैप के दो मकसद है। पहला, किसानों की आमदनी बढ़ाना और दूसरा, हर हिन्दुस्तानी की थाल में बिहार का एक व्यंजन पहुंचाना। यह हमारा सपना रहा है और इस सपने को हर हाल में साकार करना है।
श्री नीतीश कुमार ने कहा कि सब्जी उत्पादन में बिहार तीसरे स्थान पर है और सब्जी के क्षेत्र में बिहार में काफी संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही बिहार सब्जी उत्पादन के मामले में दूसरे स्थान पर पहुंचेगा और हमारा लक्ष्य है सब्जी उत्पादन में बिहार पहले स्थान पर पहुँचे। आगे उन्होंने कहा कि गंगा की अविरलता और निर्मलता कायम रखने के लिए हमने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर बिहार के चार जिलों में गंगा के दोनों किनारों को जैविक खेती से सब्जी उत्पादन के लिए चुना है। जैविक कॉरिडोर में कुल 9 जिले हैं, जिनमें से चार जिलों में काम प्रारम्भ किया गया है। इसे अगले सीजन के लिए भी जारी रखा जाएगा ताकि किसान इससे प्रभावित होकर जैविक खेती की ओर आकर्षित हो सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी हमने जो प्रयोग किया है, उससे प्राप्त अनुभव के आधार पर अनुदान की राशि अगर बढ़ानी पड़ेगी तो बढ़ायी जाएगी और इसे पूरे बिहार में लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम इस प्रयोग में कामयाब होते हैं तो यह सिर्फ सब्जी तक ही सीमित नहीं रहेगा बल्कि इसे अन्य क्षेत्रों में भी लागू करेंगे। उन्होंने बताया कि इस बाबत सिक्किम के इंस्टीट्यूशन से एमओयू की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है ताकि हमारे यहाँ जो जैविक खेती से सब्जी का उत्पादन होगा, उसका सर्टिफिकेशन हो जाय और बिक्री में सहूलियत हो सके। श्री नीतीश कुमार ने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि जैविक खेती से उत्पादकता ज्यादा होगी।